Monday, February 15, 2010

मुलाकात हो गयी

(ग़ज़ल )
ऐ चाँद अब सो भी जा बहुत रात हो गयी
मुझे तो इश्क हुआ है तू बता क्या बात हो गयी

बोल तेरा दिल भी कही खो गया है न
चैन जाके बादलों में खो गया है न

मेरी भी आज उससे पहली मुलाकात हो गयी
चल अब सो भी जा बहुत रात हो गयी

खुशमिजाज़ दिल ऐसा न था जैसा आज है
पास मेरे अब खुशियाँ ही खुशियाँ हैं

इश्क क्या हुआ खुशियों की बरसात हो गयी
चल अब सो भी जा बहुत रात हो गयी